RBI Auto-Debit Rule: कल्पना कीजिए, आपका मोबाइल फोन रिचार्ज होने वाला है, आपकी OTT सब्सक्रिप्शन की डेट आ गई है, या जिम का महीने का पेमेंट निकलना है। आप निश्चिंत हैं क्योंकि आपने सब कुछ ऑटो-डेबिट पर सेट कर रखा है। लेकिन एक दिन अचानक आपको पता चलता है कि आपका पेमेंट फेल हो गया और सभी सर्विसेज बंद हो गईं। आपकी मेहनत की कमाई से जमा हुए 100-200 रुपए, बिना किसी सूचना के, सिर्फ एक कागज के टुकड़े बनकर रह गए। अगर आप RBI के नए ऑटो-डेबिट नियम के बारे में नहीं जानते हैं, तो यह स्थिति आपके साथ भी बिल्कुल आ सकती है। यह आर्टिकल आपको इसी नए नियम की A से Z तक पूरी जानकारी देगा, ताकि आपकी मेहनत की कमाई बर्बाद होने से बच सके। इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
आपको बता दें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड से होने वाले ऑटोमैटिक पेमेंट्स को लेकर एक नया गाइडलाइन जारी किया है। इस नियम का मकसद ग्राहकों को और सुरक्षित बनाना है, लेकिन अगर आपने अपने बैंक के साथ जरूरी प्रक्रिया पूरी नहीं की है, तो आपके सारे रिकरिंग पेमेंट्स रुक सकते हैं। इससे आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि यह नियम क्या है, यह आपको कैसे प्रभावित करता है, और इससे बचने के लिए आपको क्या करना होगा। पूरी जानकारी यहीं मिलने वाली है, इसलिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
RBI का नया ऑटो-डेबिट नियम क्या है? समझें पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, RBI ने सभी बैंकों और कार्ड जारी करने वाली कंपनियों को एक निर्देश जारी किया है। इस नियम के तहत, अब कोई भी कंपनी आपके कार्ड से एक निश्चित रकम से ज्यादा का ऑटोमैटिक पेमेंट नहीं ले सकती, बिना आपसे एक बार फिर से पर्मिशन लिए। आपको बता दें, इस प्रक्रिया के लिए एक नई सिस्टम बनाई गई है, जिसमें आपके बैंक को हर पेमेंट से पहले आपको एक अलर्ट भेजकर आपकी मंजूरी लेनी होगी। अगर आपने अपने बैंक के साथ इस नई प्रक्रिया को अपनाने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए हैं, तो आपके सारे ऑटो पेमेंट रुक जाएंगे। इसका मतलब है कि आपके Netflix, Amazon Prime, मोबाइल रिचार्ज, इंश्योरेंस प्रीमियम जैसे सभी पेमेंट्स फेल होने लगेंगे।
आपके लिए क्यों है यह नियम जरूरी?
इस नियम को लागू करने का सबसे बड़ा मकसद है ग्राहकों को फ्रॉड और अनअथॉराइज्ड ट्रांजैक्शन से बचाना। पहले, एक बार आपने ऑटो-डेबिट की अनुमति दे दी, तो कंपनियां बिना बताए कितनी भी रकम काट लेती थीं। अब ऐसा नहीं होगा। हर बार पेमेंट से पहले आपको सूचना मिलेगी और आपकी मंजूरी के बाद ही पैसे काटे जाएंगे। यह आपको अपने पैसों पर पूरा कंट्रोल देता है।
क्या करना होगा आपको? सेट करें यह नई व्यवस्था
अपने ऑटो-डेबिट पेमेंट्स को जारी रखने के लिए आपको अपने बैंक के साथ एक बार फिर से प्रक्रिया पूरी करनी होगी। आमतौर पर, यह प्रक्रिया ऑनलाइन ही होती है। आपको अपने बैंक के नेट बैंकिंग पोर्टल या मोबाइल ऐप में जाकर अपने सभी रिकरिंग पेमेंट्स के लिए दोबारा से अनुमति देनी होगी। इसमें आपको यह तय करना होगा कि किस पेमेंट को जारी रखना है और किसे रोकना है। ध्यान रखें, हर बैंक की प्रक्रिया थोड़ी अलग हो सकती है, इसलिए अपने बैंक की आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी जरूर चेक कर लें।
अगर नहीं किया कुछ भी, तो क्या होगा?
अगर आपने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है, तो आपके सारे ऑटो-डेबिट पेमेंट्स अपने आप रुक जाएंगे। इससे हो सकता है:
- आपकी सर्विसेज बंद हो जाएं: जैसे आपका DTH रिचार्ज नहीं होगा, आपकी OTT सब्सक्रिप्शन एक्सपायर हो जाएगी।
- लेट फीस लग सकती है: क्रेडिट कार्ड बिल या लोन EMI का पेमेंट न होने पर आप पर भारी लेट फीस लग सकती है।
- आपकी CIBIL स्कोर पर बुरा असर: लोन या क्रेडिट कार्ड का पेमेंट न होने से आपकी क्रेडिट हिस्ट्री खराब हो सकती है, जो भविष्य में लोन लेने में दिक्कत पैदा कर सकती है।
कैसे करें सेट अप? यह है आसान स्टेप्स
इस परेशानी से बचने के लिए आज ही यह छोटे-छोटे कदम उठाएं:
- अपने बैंक के नेट बैंकिंग या मोबाइल ऐप में लॉग इन करें।
- ‘रिकरिंग पेमेंट्स’, ‘स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन्स’ या ‘ऑटो-डेबिट’ का ऑप्शन ढूंढें।
- वहां आपको आपके सभी एक्टिव ऑटो-डेबिट मंडेट्स की लिस्ट दिखेगी।
- हर मर्चेंट के सामने ‘अप्रूव’ या ‘कंफर्म’ का बटन होगा, उसे सेलेक्ट करें।
- कुछ बैंक आपसे OTP या MPIN के जरिए वेरिफिकेशन कर सकते हैं।
- प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक कन्फर्मेशन मैसेज मिल जाएगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें, यह प्रक्रिया आमतौर पर एक बार में ही पूरी हो जाती है और भविष्य में आपके पेमेंट्स बिना रुकावट होते रहेंगे।
अपनी आमदनी को बचाने के लिए आज ही उठाएं कदम
आपकी मेहनत की कमाई का हर रुपया आपके लिए मायने रखता है। RBI का यह नियम आपकी सुरक्षा के लिए है,