HighCourt Landmark Ruling: क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी मेहनत से खरीदी गई ज़मीन या प्रॉपर्टी सिर्फ एक पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) के दम पर किसी और के नाम हो सकती है? अगर आपके मन में यह डर है, तो अब आप थोड़ी राहत महसूस कर सकते हैं। दरअसल, एक ताज़ा और ऐतिहासिक फैसले में हाईकोर्ट ने पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए ज़मीन की बिक्री पर रोक लगाने जैसा बड़ा फैसला सुनाया है। यह फैसला हर उस शख्स के लिए एक सुरक्षा कवच साबित होगा, जो अपनी प्रॉपर्टी को लेकर चिंतित रहता है। इस आर्टिकल में हम आपको इसी ऐतिहासिक फैसले के बारे में विस्तार से बताएंगे। आपको यहां हर वो जानकारी मिलेगी, जो आपके लिए जानना बेहद जरूरी है, इसलिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर यह फैसला क्या है, इसके पीछे की कहानी क्या है और यह आम लोगों को कैसे प्रभावित करेगा। हम यह भी समझेंगे कि पावर ऑफ अटॉर्नी आखिर होता क्या है और अब तक इसका दुरुपयोग कैसे होता आया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, यह फैसला सैकड़ों लोगों को होने वाली परेशानी से बचा सकता है, इसलिए यह जानकारी आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी। पूरी बात ध्यान से पढ़िएगा।

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: POA से जमीन बेचना अब मुश्किल

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही में एक हाईकोर्ट ने एक बहुत ही अहम मामले में अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि अब सिर्फ पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) के आधार पर किसी की जमीन या प्रॉपर्टी का ट्रांसफर या बिक्री नहीं की जा सकती। इसका मतलब यह हुआ कि अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को POA देकर अपनी प्रॉपर्टी के कागजात आदि बनवाने के लिए अधिकृत करता है, तो वह शख्स सिर्फ उस POA के दम पर उस प्रॉपर्टी को बेच नहीं सकता। यह फैसला प्रॉपर्टी से जुड़ी धोखाधड़ी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए एक बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है।

पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) आखिर होता क्या है?

आपको बता दें, पावर ऑफ अटॉर्नी एक कानूनी दस्तावेज होता है। इसमें एक व्यक्ति (जिसे प्रिंसिपल कहते हैं) दूसरे व्यक्ति (जिसे एजेंट कहते हैं) को यह अधिकार देता है कि वह उसकी जगह पर कोई特定 कानूनी या आर्थिक फैसले ले सके। जैसे, अगर कोई व्यक्ति विदेश में है या बीमारी की वजह से अपने काम खुद नहीं कर सकता, तो वह किसी भरोसेमंद व्यक्ति को POA देकर अपनी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन या दूसरे काम करवा सकता है। लेकिन, आमतौर पर इसमें प्रॉपर्टी को बेचने का अधिकार शामिल नहीं होता, जब तक कि इसे खास तौर पर न कहा गया हो।

क्या थी मुश्किल और क्यों आया यह फैसला?

सूत्रों के मुताबिक, पहले के समय में POA का गलत इस्तेमाल बहुत बढ़ गया था। कई मामलों में लोगों ने दूसरों को POA दे रखा था, लेकिन उन्हीं लोगों न POA का दुरुपयोग करते हुए उनकी जमीन बेच दी। मालिक को इसकी भनक तक नहीं लगती थी और जब तक वह कुछ समझ पाता, तब तक बहुत देर हो चुकी होती थी। इस तरह की धोखाधड़ी से बचने और लोगों की संपत्ति को सुरक्षित रखने के मकसद से ही हाईकोर्ट ने यह साफ और सीधा फैसला सुनाया है। अब POA धारक के पास प्रॉपर्टी बेचने का अधिकार नहीं होगा, जब तक कि उसे खास तौर पर इसके लिए अधिकृत न किया गया हो।

आम लोगों के लिए इस फैसले के क्या मायने हैं?

आपको बता दें, यह फैसला आम लोगों के लिए एक कमाल की सुरक्षा साबित होगा।

  • प्रॉपर्टी की सुरक्षा: अब आपकी जमीन या मकान बिना आपकी मर्जी के बिकने से बच जाएगा।
  • धोखाधड़ी में कमी: POA के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी होगी।
  • कानूनी विवादों से छुटकारा: प्रॉपर्टी को लेकर होने वाले कानूनी झगड़ों में भी फायदा होगा क्योंकि अब बिक्री के लिए मालिक की सीधी सहमति जरूरी होगी।

मीडिया के अनुसार, इस फैसले से खासकर उन लोगों को बहुत फायदा होगा, जो दूसरे शहर या देश में रहते हैं और अपनी प्रॉपर्टी की देखभाल के लिए किसी दूसरे पर निर्भर हैं।

अब आगे क्या प्रक्रिया होगी?

अब अगर किसी को किसी की प्रॉपर्टी खरीदनी है, तो उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि बेचने वाला व्यक्ति खुद मालिक है या फिर उसके पास मालिक की तरफ से प्रॉपर्टी बेचने का खास अधिकार है। रजिस्ट्रेशन के दौरान अधिकारी भी इस बात की अच्छी तरह से जांच करेंगे। सीधे शब्दों में कहें तो, अब प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया और भी सुरक्षित और पारदर्शी होगी।

किन बातों का रखें ध्यान?

अगर आप किसी को पावर ऑफ अटॉर्नी देने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें:

  • POA हमेशा किसी विश्वसनीय वकील की मदद से तैयार करवाएं।
  • दस्तावेज में साफ-साफ लिखवाएं कि एजेंट को कौन-कौ से अधिकार दिए जा रहे हैं।
  • अगर आप प्रॉपर्टी बेचने का अधिकार देना चाहते हैं, तो इसका जिक्र खास तौर पर जरूर करें।
  • किसी भी तरह के शक होने पर POA देने से बचें।

आपकी जानकारी के लिए बता दें, यह फैसला न केवल जमीन-जायदाद के मालिकों के लिए, बल्कि खरीदारों के लिए भी एक अच्छा संदेश लेकर आया है। इससे लेन-देन में पार