Income Tax 50LProperty: क्या आप 50 लाख रुपये से ज्यादा की प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं? अगर हां, तो यह खबर सीधे आपके लिए है। सरकार ने आयकर विभाग के जरिए एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अब महंगी संपत्ति की खरीदारी करने वालों को एक अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करना अनिवार्य होगा। इस नए बदलाव के बारे में जानकारी न होना आपके लिए बड़ी परेशानी का सामना करवा सकता है, जिसमें भारी जुर्माना भी शामिल हो सकता है। यह आर्टिकल आपको इस नए डॉक्यूमेंट से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी देगा, जैसे कि यह डॉक्यूमेंट क्या है, इसे कौन भरेगा, कब भरेगा और इसे भरने का तरीका क्या है। इसलिए, इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें ताकि आप कोई भी जरूरी बात मिस न करें और अपने आप को किसी भी तरह की आर्थिक मुसीबत से बचा सकें।
क्या है यह नया डॉक्यूमेंट और क्यों है जरूरी?
आपकी जानकारी के लिए बता दें, यह नया डॉक्यूमेंट आयकर रिटर्न के फॉर्म में जोड़ा गया एक नया सेक्शन है, जिसे ‘स्टेटमेंट ऑफ़ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन’ (SFT) के तहत रखा गया है। इसे आमतौर पर फॉर्म 61A के नाम से जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसका मकसद बड़ी लेन-देन पर नजर रखना है ताकि टैक्स चोरी को रोका जा सके। जब कोई व्यक्ति 50 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति खरीदता है, तो इसकी सूचना देने की जिम्मेदारी प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रार की होगी। वह इसकी जानकारी सीधे आयकर विभाग को देगा। अगर खरीदार ने अपने आयकर रिटर्न में इस लेन-देन का जिक्र नहीं किया है, तो उसे इसके लिए जवाबदेह ठहराया जा सकता है। इसलिए, यह डॉक्यूमेंट पारदर्शिता लाने और बड़े लेन-देन पर नजर रखने के लिए एक बहुत जरूरी कदम है।
किस पर लागू होता है यह नया नियम?
यह नियम उन सभी लोगों पर लागू होता है जो एक वित्तीय वर्ष के दौरान 50 लाख रुपये या उससे अधिक मूल्य की कोई भी अचल संपत्ति खरीदते हैं। इसमें प्लॉट, घर, कमर्शियल प्रॉपर्टी जैसी सभी चीजें शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, इसकी जानकारी देने की जिम्मेदारी संपत्ति के रजिस्ट्रार की होगी। मतलब यह कि जब आप प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन करवाएंगे और इसकी कीमत 50 लाख से ज्यादा होगी, तो रजिस्ट्रार खुद-ब-खुद इसकी सूचना आयकर विभाग को दे देगा। हालांकि, खरीदार के लिए यह जरूरी है कि वह अपने आयकर रिटर्न में इस लेन-देन को सही तरीके से दर्शाए।
क्या है इस नियम का मकसद?
इस नियम का प्रमुख मकसद बड़े आर्थिक लेन-देन पर पैनी नजर रखना और काले धन पर लगाम लगाना है। पहले, ऐसी खरीदारी की सूचना सीधे विभाग को नहीं मिल पाती थी, जिसका फायदा उठाकर कुछ लोग बिना टैक्स चुकाए की गई आमदनी से प्रॉपर्टी खरीद लेते थे। अब, रजिस्ट्रार द्वारा सीधे जानकारी भेजे जाने से, आयकर विभाग के पास ऐसे डाटा का एक बड़ा डेटाबेस तैयार होगा। इससे अगर किसी व्यक्ति की खरीदारी और उसकी दिखाई गई आमदनी में मेल नहीं खाता, तो विभाग उस पर आसानी से कार्रवाई कर सकता है।
अगर नियम का पालन न किया जाए तो क्या होगा?
अगर कोई व्यक्ति इस नियम का पालन नहीं करता है, यानी कि वह अपने आयकर रिटर्न में इस बड़ी खरीदारी का जिक्र नहीं करता है, तो उसे भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। आयकर अधिनियम के सेक्शन 271FA के तहत, जानकारी न देने पर 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, इस जुर्माने की अधिकतम सीमा निर्धारित है। फिर भी, यह एक बड़ी आर्थिक परेशानी का सबब बन सकता है। इसलिए, ऐसी किसी भी गलती से बचने के लिए सही और पूरी जानकारी देना बेहद जरूरी है।
आम आदमी पर क्या पड़ेगा असर?
आम लोगों के लिए, यह नियम एक अच्छा कदम साबित हो सकता है। इससे प्रॉपर्टी मार्केट में पारदर्शिता बढ़ेगी और काले धन का इस्तेमाल कम होगा, जिससे प्रॉपर्टी की कीमतों पर स्थिरता आ सकती है। हां, खरीदारों के लिए थोड़ी अतिरिक्त सावधानी जरूरी होगी। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी आमदनी का स्रोत साफ है और वे अपने टैक्स रिटर्न में सभी जरूरी जानकारी सही से भर रहे हैं। जो लोग पहले से ही सही तरीके से टैक्स भरते आ रहे हैं, उनके लिए यह नियम कोई नई मुसीबत नहीं लाएगा।
क्या करें आप?
अगर आप 50 लाख रुपये से ज्यादा की संपत्ति खरीदने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें:
- सबसे पहले तो, अपने वित्तीय सलाहकार या चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) से सलाह लें।
- यह पक्का कर लें कि आपके पास खरीदारी के लिए पैसों का स्रोत साफ-साफ दिखाने के लिए जरूरी दस्तावेज हैं।
- आयकर रिटर्न भरते समय इस लेन-देन को जरूर शामिल करें।
- रजिस्ट्रेशन के दौरान सभी दस्तावेजों को ध्यान से चेक करें।
इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप किसी भी तरह की कानूनी परेशानी से बच सकते हैं।
सरकार का यह नया कदम निश्चित रूप से आयकर व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में उठाया गया एक सराहनीय कदम है। यह न केवल टैक्स चोरी पर रोक लगाएगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी अच्छा साबित होगा। एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर, इस नियम का पालन करना हम सभी का कर्तव्य है। थोड़ी सी सजगता और सही ज