Income Tax HouseBuy: अगर आप घर खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं, तो आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि इस पर आपको कितना टैक्स देना पड़ेगा। 2025 में इनकम टैक्स के नियमों में कुछ बदलाव भी हुए हैं, जिनके बारे में जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। इस आर्टिकल में, हम आपको घर खरीदने और बेचने से जुड़े टैक्स के बारे में पूरी जानकारी देंगे, ताकि आप कोई भी फ़ैसला लेने से पहले सही तरीके से तैयार हो सकें।

इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद, आपको यह समझ आ जाएगा कि कैसे आप घर की खरीद-बिक्री में टैक्स से जुड़ी बचत कर सकते हैं और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। हमने यहां हर छोटी-बड़ी जानकारी को सरल भाषा में समझाया है, ताकि आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। तो, आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें!

घर खरीदने और बेचने पर इनकम टैक्स: पूरी जानकारी

घर खरीदना या बेचना एक बड़ा आर्थिक फ़ैसला होता है, और इसके साथ ही टैक्स से जुड़े नियम भी आते हैं। अगर आप इन नियमों को अच्छी तरह समझ लें, तो आप टैक्स में काफी बचत कर सकते हैं। आइए, अब विस्तार से जानते हैं कि घर की खरीद-बिक्री पर कौन-कौन से टैक्स लगते हैं और 2025 में इनमें क्या बदलाव हुए हैं।

1. कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gains Tax)

जब आप कोई प्रॉपर्टी बेचते हैं और उस पर मुनाफा कमाते हैं, तो उस मुनाफे पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है। यह टैक्स दो तरह का होता है:

  • शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG): अगर आपने प्रॉपर्टी को 2 साल से कम समय के लिए रखा है और फिर बेचा है, तो इस पर आपकी आमदनी के हिसाब से टैक्स लगेगा।
  • लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG): अगर आपने प्रॉपर्टी को 2 साल या उससे ज्यादा समय तक रखा है, तो बिक्री पर 20% टैक्स लगेगा (इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ)।

2. टैक्स में बचत के लिए सेक्शन 54 का फ़ायदा

अगर आपने अपनी प्रॉपर्टी को लॉन्ग-टर्म में बेचा है और उस पर LTCG टैक्स लग रहा है, तो आप सेक्शन 54 के तहत टैक्स में छूट पा सकते हैं। इसके लिए आपको बिक्री से मिले पैसे को नई प्रॉपर्टी खरीदने या बनवाने में लगाना होगा।

  • नई प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री के 2 साल के अंदर करनी होगी।
  • अगर आप प्रॉपर्टी बनवा रहे हैं, तो यह काम 3 साल के अंदर पूरा करना होगा।

3. 2025 में हुए बदलाव

2025 के बजट में, सरकार ने प्रॉपर्टी से जुड़े टैक्स नियमों में कुछ बदलाव किए हैं:

  • इंडेक्सेशन बेनिफिट: अब LTCG कैलकुलेशन में इंडेक्सेशन का फ़ायदा और बेहतर तरीके से मिलेगा, जिससे आपका टैक्स बिल कम हो सकता है।
  • सेक्शन 54 की सीमा: टैक्स छूट की अधिकतम सीमा को बढ़ाया गया है, जिससे मध्यम वर्ग के लोगों को ज्यादा फ़ायदा मिलेगा।
  • डिजिटल पेमेंट पर छूट: अगर आप प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री में डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको छोटी छूट मिल सकती है।

4. TDS (Tax Deducted at Source) का नियम

अगर आप कोई प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं और उसकी कीमत 50 लाख रुपये से ज्यादा है, तो आपको बेचने वाले पर TDS काटना होगा। यह TDS 1% की दर से काटा जाता है। हालांकि, अगर बेचने वाले की आमदनी कम है और उसने अपना PAN कार्ड नहीं दिया है, तो TDS की दर 20% तक हो सकती है।

5. GST और रजिस्ट्रेशन चार्ज

घर खरीदते समय आपको GST और रजिस्ट्रेशन चार्ज भी देना पड़ता है। अगर आप बिल्डर से नया घर खरीद रहे हैं, तो आपको 5% GST देना होगा (अगर घर किफायती आवास योजना के तहत नहीं है)। रजिस्ट्रेशन चार्ज अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होता है, जो आमतौर पर प्रॉपर्टी की कीमत का 1% से 7% तक हो सकता है।

निष्कर्ष

घर खरीदने और बेचने से जुड़े टैक्स नियमों को समझना बेहद जरूरी है, ताकि आप अनावश्यक टैक्स न दें और कानूनी तरीके से बचत कर सकें। 2025 में हुए बदलावों ने कुछ राहत दी है, लेकिन सही प्लानिंग के बिना आप इनका पूरा फ़ायदा नहीं उठा पाएंगे। अगर आपको टैक्स से जुड़ी कोई भी दिक्कत हो, तो किसी टैक्स एक्सपर्ट से सलाह लेना हमेशा अच्छा रहता है।