Income Tax PPF: क्या आप भी टैक्स बचाने के लिए PPF, EPF और NPS जैसे निवेश ऑप्शन्स का इस्तेमाल करते हैं? अगर हां, तो आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि इन योजनाओं में निवेश करने पर आपको कितनी टैक्स बचत मिल सकती है। इस आर्टिकल में हम आपको इन तीनों योजनाओं से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे, जिससे आप बेहतर फ़ैसला ले सकें।

आपको बता दें कि सरकार ने हाल ही में कुछ नए अपडेट्स जारी किए हैं, जो इन योजनाओं से जुड़े टैक्स नियमों को प्रभावित करते हैं। इसलिए, अगर आप इनमें निवेश कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी मददगार साबित होगा। इसे अंत तक जरूर पढ़ें ताकि आप किसी भी गलतफहमी का शिकार न हों।

PPF, EPF और NPS में निवेश पर टैक्स बचत: पूरी जानकारी

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि PPF (Public Provident Fund), EPF (Employee Provident Fund) और NPS (National Pension System) भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली ऐसी योजनाएं हैं, जिनमें निवेश करने पर आपको टैक्स में फ़ायदा मिलता है। लेकिन, हर योजना के अपने अलग-अलग नियम हैं, जिन्हें समझना जरूरी है।

PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) पर टैक्स बचत

PPF एक लोकप्रिय लॉन्ग-टर्म निवेश ऑप्शन है, जिसमें आप हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं। इस योजना की खास बात यह है कि:

  • टैक्स बचत: आपके द्वारा किया गया निवेश धारा 80C के तहत टैक्स में छूट के दायरे में आता है।
  • ब्याज पर टैक्स: PPF में मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्स-फ्री होता है।
  • मैच्योरिटी पर टैक्स: मैच्योरिटी के समय मिलने वाली रकम पर भी कोई टैक्स नहीं लगता।

EPF (एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड) पर टैक्स बचत

EPF मुख्य रूप से सैलरी क्लास के लोगों के लिए है, जहां आप और आपका कंपनी दोनों मिलकर निवेश करते हैं। इसके टैक्स फ़ायदे इस प्रकार हैं:

  • कर्मचारी का योगदान: आपकी सैलरी से कटने वाली EPF रकम धारा 80C के तहत टैक्स छूट के योग्य है।
  • कंपनी का योगदान: कंपनी की तरफ से किया गया योगदान (12%) टैक्स-फ्री होता है, लेकिन अगर यह रकम 7.5 लाख सालाना से ज्यादा हो तो टैक्स लग सकता है।
  • ब्याज और मैच्योरिटी: EPF में मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट टैक्स-फ्री होता है, बशर्ते आप 5 साल तक निवेश करते रहें।

NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) पर टैक्स बचत

NPS एक पेंशन योजना है, जिसमें निवेश करने पर आपको अतिरिक्त टैक्स बचत का ऑप्शन मिलता है:

  • धारा 80CCD(1): इसमें आप 1.5 लाख रुपये तक की निवेश रकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं (यह धारा 80C के अंतर्गत आता है)।
  • धारा 80CCD(1B): इसके तहत आप अतिरिक्त 50,000 रुपये तक की बचत पर टैक्स छूट ले सकते हैं।
  • मैच्योरिटी पर टैक्स: NPS से मिलने वाली 60% रकम टैक्स-फ्री होती है, जबकि 40% रकम पर टैक्स लगता है क्योंकि इसे एन्युइटी के रूप में लेना पड़ता है।

नए अपडेट्स क्या कहते हैं?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार ने हाल ही में PPF, EPF और NPS से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं:

  • EPF में अब 2.5 लाख रुपये सालाना से ज्यादा के योगदान पर ब्याज टैक्सेबल होगा।
  • NPS में अब 60% रकम मैच्योरिटी पर टैक्स-फ्री मिलेगी, जबकि पहले यह 40% ही थी।
  • PPF की मैच्योरिटी अवधि को 15 साल से बढ़ाकर 20 साल करने का प्रस्ताव है।

कौन सी योजना आपके लिए बेस्ट है?

अगर आप सोच रहे हैं कि इनमें से किस योजना में निवेश करना आपके लिए फ़ायदेमंद होगा, तो यह आपकी आमदनी और फाइनेंशियल गोल्स पर निर्भर करता है। आमतौर पर:

  • PPF: सेफ और टैक्स-फ्री रिटर्न चाहने वालों के लिए बेस्ट।
  • EPF: सैलरी क्लास के लोगों के लिए आदर्श, क्योंकि इसमें कंपनी भी योगदान देती है।
  • NPS: जो लोग रिटायरमेंट के बाद पेंशन चाहते हैं, उनके लिए बेहतर विकल्प।

आपको बता दें कि इन योजनाओं में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें, ताकि आप अपनी जरूरतों के हिसाब से सही फ़ैसला ले सकें।